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हरिद्वार निकाय चुनाव: राजनीति में हलचल, शहर की समस्याओं पर कम ध्यान

Pitra Amavasya

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हरिद्वार, में स्थानीय निकायों को लेकर हरिद्वार के राजनैतिक दलों में हलचल शुरू हो गई है।
अर्से से कुंभकर्णी नींद में सोए तथाकथित स्वयंभू नेताओं और महिला नेत्रियों ने भी अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी है।

शहर की बदसूरत से किसी को कोई लेना देना नहीं है, सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हैं, गंदगी के अम्बार लगे है, अधिकाँश पथ-प्रकाश की विद्युत व्यवस्था ध्वस्त है, अतिक्रमण के कारण बाजारों की सड़कें संकरी गलियाँ बनी हुई है। बाजार में गंदगी और कूड़े के ढेरों पर गऊ माता अपनी क्षुधा शांत कर रही है, परन्तु गायों के नाम पर संगठन बनाकर धर्म की दुहाई देने वाले नदारत हैं।

शहर में एक आध सुलभ शौचालय को छोड़कर यात्रियों के लिये शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं हैं, शहर की सभी नाले नालियाँ बरसाती पहाड़ी मिट्टी से भरे पड़े है जिससे गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है।

शहर की दशा अत्यन्त सोचनीय है। परंतु सभी दलों को इससे कोई सरोकार न होकर मेयर के टिकट की दावेदारी में अपने-अपने तुरुप के पत्ते चलाने की शतरंजी चालों में उलझा हुआ देखा जा रहा हैं, भाजपा से मेयर के लिए काफी लंबी फहरिस्त है। उत्तरी हरिद्वार में अचानक मान्यवर के बिजनेस पार्टनर एक भूव्यवसायी की पत्नी के टिकट की चर्चाओं ने भाजपा में हलचल पैदा कर दी है। उधर मध्य हरिद्वार से एक नए-नए उभरे नेताजी दिल खोलकर चंदा देकर सभी कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि बन कर मेयर बनने की होड़ में काफी आशावान है और एक जाति वर्ग विशेष के भी अगुवाई करने की दावेदारी को अपनी उम्मीदवारी का आधार मान रहे हैं । बाकी भाजपा के कुछ निवर्तमान पार्षद संगठन के पूर्व पदाधिकारी तथा छुटमैय्ये नेताओं ने भी लंगोट कस लिये हैं।

कमोबेश यही स्थित कांग्रेस की है, कांग्रेस के दमदार प्रत्याशी श्री सतपाल ब्रह्मचारी के हरियाणा के सोनीपत से लोकसभा सांसद चुने जाने से असमंजस की स्थिति है। पूर्व मेयर श्रीमती अनीता शर्मा के पति एक सीनियर एडवोकेट, पुर्व स्व. विधायक अम्बरीश कुमार गुट की तरफ से प्रत्याशी, लक्सर के एक पूर्व भाजपा विधायक सहित लगभग कांग्रेस के आधा दर्जन नेता भी मेयर के टिकट की जुगत में हैं।
उधर इस बार आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष इंजीनियर श्री संजय सैनी जिस तरह से हिंदू, मुस्लिम और दलित वोटों में तेजी से सक्रिय हुए हैं और उन्हें पार्टी से जोड़ रहे हैं उसे भी हल्के में नहीं लिया जा सकता, हार जीत बहुत दूर की बात है परन्तु आम आदमी पार्टी की सक्रियता एक तीसरी शक्ति के रूप में उभर रही है इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता।

 

 

Reported by- डॉ. रमेश खन्ना, वरिष्ठ पत्रकार, हरीद्वार (उत्तराखंड)

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