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सैनी सभा ज्वालापुर में वित्तीय गड़बड़ियों पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग

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हरिद्वार: पिछले कुछ दिनों से सोशल और प्रिंट मीडिया में सैनी सभा (रजि0), सैनी आश्रम, ज्वालापुर में हुई भारी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सभा के अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष और ऑडिटर के बीच गंभीर विवाद चल रहा है। इस विवाद के कारण सैनी समाज की छवि अन्य समाजों में धूमिल हो रही है, लेकिन समाज के किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने अब तक इस विवाद को सुलझाने की पहल नहीं की है।

वरिष्ठ पत्रकार ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग   

इस बीच, सैनी सभा के संरक्षक मंडल के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार मनोज सैनी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए उपनिबंधक, चिट्स एंड फंड, रोशनाबाद, हरिद्वार और उपजिलाधिकारी, हरिद्वार को ज्ञापन सौंपा है। मनोज सैनी ने पिछले 3 वर्षों में सैनी आश्रम में हुई वित्तीय गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

वित्तीय अनियमितताओं के आरोप

मनोज सैनी ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि सैनी सभा, ज्वालापुर में वर्ष 2022 से अब तक बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं और गबन हुआ है। अध्यक्ष और मंत्री पर बिना कार्यकारिणी के प्रस्ताव के फर्जी बिल दिखाकर जीएसटी और इनकम टैक्स की चोरी करने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही, आश्रम के कर्मचारियों को बिना अनुमति दस्तावेज न देने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

ऑडिटर की रिपोर्ट में गड़बड़ियां

ज्ञापन में बताया गया है कि ऑडिटर समय सिंह सैनी द्वारा की गई ऑडिट रिपोर्ट में बैंक से 88 लाख रुपये के लेन-देन में 19 लाख की वित्तीय अनियमितता और 5 लाख का गबन पाया गया है। हालांकि, अध्यक्ष और मंत्री द्वारा इस ऑडिटर को फर्जी बताकर ऑडिट रिपोर्ट को खारिज किया जा रहा है।

निष्पक्ष ऑडिट की मांग

मनोज सैनी ने ज्ञापन के साथ ऑडिट रिपोर्ट भी संलग्न की है और सैनी आश्रम के हित में किसी बाहरी एजेंसी से निष्पक्ष ऑडिट कराने की मांग की है ताकि सैनी समाज की छवि को पुनः स्थापित किया जा सके।

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