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मुख्य सचिव को सौंपी ‘डाटा एनालिसिस ऑफ 100 डेज – उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट

Chief Secretary

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एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा के सौ दिन पूरे होने पर जारी की थी रिपोर्ट

देहरादून,
एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2024 के पहले 100 दिनों का डाटा विश्लेषण करते हुए अपनी ‘डाटा एनालिसिस ऑफ 100 डेज – उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट’ राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट को फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने सचिवालय में सौंपा। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने रिपोर्ट को पर्यटन विभाग को प्रेषित करने और यात्रा के प्रबंधन में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा, जो 10 मई से शुरू हुई थी, ने 17 अगस्त को अपने 100 दिन पूरे कर लिए थे। इस दौरान 32,61,095 तीर्थयात्री यात्रा कर चुके थे। रिपोर्ट में कहा गया कि पहले 30 दिनों में 19,56,269 (60%) तीर्थयात्री यात्रा में शामिल हुए, जबकि शेष 70 दिनों में यह संख्या 13,04,826 (40%) रही।

रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ में सबसे ज्यादा 10,92,284 तीर्थयात्री पहुंचे, बद्रीनाथ में 9,05,954, गंगोत्री में 5,98,723, यमुनोत्री में 5,14,472, और हेमकुंड साहिब में 1,49,662 तीर्थयात्री दर्शन करने पहुंचे। रिपोर्ट में तीर्थयात्रा के दौरान 183 तीर्थयात्रियों की मृत्यु का उल्लेख भी किया गया, जिनमें सबसे अधिक 89 मौतें केदारनाथ में हुईं। इनमें 6 मौतें प्राकृतिक आपदा के कारण और 83 मौतें स्वास्थ्य कारणों से हुईं। अन्य धामों में भी स्वास्थ्य कारणों से कई तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई, जिनमें बद्रीनाथ में 44, यमुनोत्री में 31, गंगोत्री में 15, और हेमकुंड साहिब में 4 शामिल थे।

अनूप नौटियाल ने रिपोर्ट में तीर्थयात्रा के प्रबंधन में कई कमियों की ओर संकेत करते हुए चारधाम यात्रा के अव्यवस्थित होने की बात कही। उन्होंने चारों धामों की कैरिंग कैपेसिटी का ध्यान न रखने पर चिंता जताई और सुझाव दिया कि प्रत्येक धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या को नियंत्रित किया जाए।

इसके अलावा, उन्होंने मुख्य सचिव के समक्ष हेलीकॉप्टर सेवाओं, भीड़ प्रबंधन, पंजीकरण प्रक्रियाओं, ठोस और प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं, और भूस्खलन से बचाव में सुधार की जरूरत पर जोर दिया। अनूप नौटियाल ने कहा कि सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड संख्या को एक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जो वास्तव में उच्च हिमालयी क्षेत्रों के लिए नुकसानदेह हो सकती है। उन्होंने मुख्य सचिव से भविष्य में चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन के लिए सभी हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा की मांग की।

मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि एसडीसी फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत इस रिपोर्ट को पर्यटन विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि यात्रा के प्रबंधन को और अधिक कुशल बनाया जा सके और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जा सके।

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