नए साल की शुरुआत के साथ ही लोगों ने एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देकर उल्लासपूर्वक 2025 का स्वागत किया। वहीं, समाज में कुछ लोगों ने नववर्ष का आरंभ परोपकार और सेवा के भाव से किया।
साल के पहले दिन कुछ स्थानों पर मंदिरों में भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें राहगीरों, छोटे बच्चों और जरूरतमंद लोगों को प्रसाद रूप में भोजन वितरित किया गया। इस कार्य ने जन सेवा और राष्ट्र सेवा का संदेश देते हुए समाज में एक सकारात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया।
समर्पित भाव से नई शुरुआत
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल समाज में परोपकार को बढ़ावा देना था, बल्कि लोगों को प्रेरित करना था कि वे अपने जीवन की शुरुआत अच्छे कार्यों से करें। ऐसे आयोजनों से समाज में समर्पण और सेवा का भाव मजबूत होता है।
नए साल की यह पहल समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक रही और इसने यह संदेश दिया कि एक छोटे से कार्य से भी बड़े बदलाव की शुरुआत की जा सकती है।
Reported By: Arun Sharma