डोईवाला- हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन) जौलीग्रांट में अंतरराष्ट्रीय मिडवाइव्स दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान वक्ताओं ने नर्सिंग छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य सेवा में मिडवाइव्स की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। 

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के नर्सिंग कॉलेज के सभागार में गोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूचिरा नौटियाल ने नर्सिंग छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मिडवाइफ वह स्वास्थ्य कर्मी होते है जो किसी भी महिला के प्रसव से पहले तथा उसके बाद भी मां तथा बच्चे की सुरक्षा तथा उसके स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद करती है।एचसीएन प्रिंसिपल नर्सिंग कॉलेज डॉ. संचिता पुगाजंडी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2030 तक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए 90 लाख नर्स और मिडवाइव्स की आवश्यकता होगी। कहा कि सुरक्षित मातृत्व सहित स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन में मिडवाइफ की भूमिका सराहनीय है। इन महिलाओं के प्रति आभार प्रकट करने के लिए पूरे विश्व में हर साल अंतराष्ट्रीय मिड वाइव्स दिवस मनाया जाता है। इस दौरान आशा कार्यकर्ता गीता कृषाली व प्रेमलता ने अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक डॉ. कंचन बाला, डॉ. कमली प्रकाश, उपमा जार्ज, रीना हाबिल, जैबूनिशा, डॉ. हरलीन कौर, ईमोन चानू, लक्ष्मी कुमार, अतुल, शमा परवीन, पूनम यादव उपस्थित रहे।

वहीं दूसरी और हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की लिटरेरी कमेटी की ओर से विश्व रेड क्रास दिवस मनाया गया। इसमें छात्र-छात्राओं ने कविता, भाषण व नाटक का मंचन किया। प्रिंसिपल डॉ. संचिता पुगाजंडी ने बताया कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हेनरी ड्यूनेन्ट ने रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति आईसीआरसी की स्थापना की थी। 8 मई, 1828 को हेनरी का जन्म हुआ था।

 इसलिए उनकी जयंती पर इस दिन को उनके विचारों को दुनिया भर में फैलाने के उद्देश्य से रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्ड रेड क्रॉस सोसाइटी भोजन की कमी, प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध तथा महामारियों के दौरान आम लोगों की सहायता करने के लिए जानी जाती है।

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