उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का कहर देखने को मिल रहा है जहां चिलचिलाती तेज धूप से जंगलों में आग का तांडव देखा जा रहा है... तो दूसरी ओर बढ़ती गर्मी से जंगली जानवर पानी के लिए तरस रहे हैं। उत्तराखंड में लगभग एक दर्जन से अधिक आग की घटनाएं सामने आई है.

बीते दिन बुधवार को भी टिहरी, नरेंद्रनगर, रामनगर, लैंसडोन वन प्रभाग और केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में ऐसी ही आग की घटनाएं दर्ज की गई. आग के बढ़ते इस ग्राफ से चिंतित वन विभाग भी अलर्ट है. वन विभाग आग से निपटने के लिए तराई पश्चिमी डिवीजन क्षेत्र में टीमों का गठन किया जहां लगातार गस्त की जा रही है. इतना ही नहीं जंगलों में रहने वाले जानवरों को आग से बचाने और इन्हें किसी भी तरीके से पीने के पानी की समस्या ना हो उसे लेकर भी डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने इंतजाम करने शुरू कर दिए।

वहीं निशांत वर्मा अपर प्रमुख वन संरक्षक की माने तो जंगलो में आग लगने का एक कारण किसानों द्वारा आढ़ा फूकान भी है. निशांत का कहना है कि लोगों को इसके लिए जागरुक किया जा रहा है और ऐसे शरारती तत्व है जो ऐसी घटनाओं में लिप्त है उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

 

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