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रिपोर्ट : अरुण शर्मा
| देहरादून
विज्ञान और अनुसंधान के सही प्रयोग से भारत का युवा स्वउधमी बनेगा- ललित जोशी
देहरादून। प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य मनाया जाता है। इस अवसर पर 28 फरवरी 2024 को कम्बाइंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च कुंआवाला देहरादून में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (य़ूसर्क) के सहयोग से एक दिवसीय भब्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिला उद्योग केन्द्र देहरादून की जनरल मैनेजर अंजलि रावत नेगी ने मुख्य अतिथि के रूप में, यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० ओपी नौटियाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में एवं संस्थान के चेयरमैन ललित जोशी तथा प्रबंध निदेशक संजय जोशी ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।
कार्यशाला में कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न पोस्टर व मॉडयूल प्रस्तुत किए, वहीं शिक्षकों द्वारा विज्ञान दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए पर व्याख्य़ान प्रस्तुत किए। विज्ञान दिवस 2024 की थीम विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें रखी गई है।
कार्यक्रम में संस्थान के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का अपने संस्थान में स्वागत सत्कार किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान किसी भी देश के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। इसे देश के डेवपमेंट के लिए रीढ़ की हड्डीर कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। वही यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० ओपी नौटियाल ने कहा कि विज्ञान ने कई तरह से समाज पर गहरा प्रभाव डाला है। सेहत से लेकर कृषि, संचार, तकनीक, अंतरिक्ष खोज जैसी कई नामुमकिन चीज़ें साइंस के जरिए ही तो मुमकिन हो पाई हैं। यह दिन हमारे बीच उभरते वैज्ञानिकों को प्रेरित करने और विज्ञान के क्षेत्र में हुए चमत्कारों को याद करने का दिन है।
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