ऋषिकेश। नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने मायाकुंड के स्थित दादू वाडा के समीप ज्योतिष पीठाधीश्वर श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम महाराज की स्मृति में स्मृति द्वार का लोकार्पण किया।

सोमवार की दोपहर आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम द्वारा निर्मित स्मृति द्वार का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर महापौर ने मोजूद उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम महाराज एक दिव्य संत थे जिनका संपूर्ण जीवन समाज की भलाई के लिए समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि सच्चा संत वही है, जो सहज भाव से विचार करे और आचरण करे। जब उसका मान हो, तब उसे अभिमान न हो और कभी उसका अपमान हो जाए, तो उसे अहंकार नहीं करना चाहिए।

हर हाल में उसकी वाणी मधुर, व्यवहार संयमशील और चरित्र प्रभावशाली होना चाहिए। संत शब्द का अर्थ ही है, सज्जन और धार्मिक व्यक्ति।ब्रहमलीन माधवाश्रम महाराज ऐसे ही उच्च कोटि के महा संत थे। उन्होंने संपूर्ण मानवता के लिए समर्पित होकर जीवन पर्यत्न कार्य किया। महापौर ने कहा कि देवभूमि ऋषिकेश संतो की भूमि रही है। ऋषि मुनियों की तपो स्थली पर संत समाज के मार्गदर्शन से ही निगम विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण कर पाने में सफल रहा है। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि संतो के आर्शीवाद से देवभूमि निरतंर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगी।

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