बाजपुर: विकास खंड चंपावत के ग्राम पंचायत गुदमी की आदिवासी महिला ग्राम प्रधान विनिता राणा को न्याय दिलाने के लिए बुक्सा जनजाति समुदाय ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि इस संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के लिए डेढ़ लाख से अधिक जनसंख्या वाला यह समुदाय अपना योगदान देगा। खटीमा में आयोजित होने वाली महापंचायत में सरकार परस्त कुछ संगठनों को बेनकाब किया जाएगा।

ग्राम प्रधान के साथ हुए अपमान का मुद्दा

10 जुलाई को ग्राम पंचायत गुदमी में एक संगठित भीड़ द्वारा आदिवासी समुदाय की महिला ग्राम प्रधान के गले में जूते की माला डालने की घटना सामने आई थी। पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य और उत्तराखंड एसटी, एससी, ओबीसी त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि घटना के 15 दिन बाद भी आरोपी पकड़े नहीं गए हैं और सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

सरकार पर षडयंत्र का आरोप

मर्तोलिया ने आरोप लगाया कि सरकार और उसका तंत्र आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों ने सरकार और पुलिस की भाषा में बोलकर घटना को कमजोर करने का षडयंत्र रचा है। इसका पर्दाफ़ाश खटीमा में आयोजित महापंचायत में किया जाएगा।

 मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की मांग

बुक्सा जनजाति ने मांग की है कि मुख्यमंत्री तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दें ताकि इस तरह की घटना भविष्य में दोबारा ना हो। उन्होंने कहा कि यह अपमानजनक घटना दुनिया में पहली बार हुई है और इसे सहन नहीं किया जाएगा।

बुक्सा जनजाति का संकल्प

बुक्सा जनजाति समुदाय ने बैठक में तय किया कि इस न्याय के संघर्ष में समुदाय का हर व्यक्ति भागीदारी करेगा। उन्होंने समाज से अपील की कि इसे अनुसूचित जनजाति और गैर जनजाति के संघर्ष के रूप में न देखा जाए। अपमान की बढ़ती संस्कृति को समाप्त करने के लिए सभी जाति और धर्म के लोग महिला ग्राम प्रधान का साथ दें।

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