हरिद्वार,
वन माफियाओं का दुस्साहस कम होने का नाम नहीं ले रहा है। उद्यान विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए वन माफिया लगातार हरे-भरे पेड़ों पर आरियां चला रहे हैं। रातों-रात लकड़ियों को ठिकाने लगा दे रहे हैं। एक तरफ सरकार हरियाली को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। दूसरी उद्यान विभाग और वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। या फिर यह कहे कि विभाग वन माफियाओं पर मेहरबान है। क्योंकि लगातार अनुमति की आड़ में हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है। लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। केवल जांच किए जाने के हवाई दावे किए जा रहे हैं। ताजा मामला थाना पथरी में क्षेत्र डांडी चौक से अलीपुर रोड स्थित प्राइमरी स्कूल के पास का है। जहां वन माफियाओं ने परमिट की आड़ में अवैध रूप से कई आम के हरे-भरे पेड़ काट डाले। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत उद्यान विभाग से की, मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है। लेकिन नतीजा अभी तक शून्य ही है। जिसको लेकर तमाम प्रश्न चिन्ह उद्यान विभाग के अधिकारियों पर लग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इक्कड़ फाटक के पास भी एक हफ्ते पहले उद्यान विभाग की ओर से हरे भरे पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी। जिसमें अनुमति की आड़ में कई अधिक हरे भरे आम के पेड़ों काटकर लकड़ियों को ठिकाने लगा दिया गया। मौके पर जो आम के पेड़ बचे, उन पेड़ों की हार्ड लूपिंग कर दी गई। उसमें भी उद्यान विभाग ने जांच का दावा किया था लेकिन आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अवैध रूप से काटे गए भारी भरकम आम के पेड़ों की जड़ों को निकलवा कर जमीन को जोत दिया है। लगातार हरे-भरे आम के पेड़ काटने की अनुमति देने वाले उद्यान विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का तो यह भी आरोप है कि उद्यान विभाग के क्षेत्र प्रभारी वन माफियाओं से मिली भगत कर हरे-भरे और कम उम्र के आम के पेड़ों को काटने की अनुमति दे रहे हैं। इसके बाद पेड़ों का सफाया किया जा रहा है। मगर उच्च अधिकारी भी इस तरफ से आंखें बंद करे हुए बैठे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
“मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि दोनों ही मामलों की जांच की जा रही है।”
Reported by- Ramesh Khanna