देहरादून
देश भर के 52 शक्ति पीठों मे सुमार नैनीताल की माँ नयना देवी मंदिर का स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
जिसमें स्थानीय लोगों के साथ नैनीताल पहुचे पर्यटकों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।
भोर से ही माँ नयना देवी मंदिर में माता के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रही। स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर समिति द्वारा महा भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
मान्यता है कि राजा दक्क्ष ने जब अपने घर में यज्ञ करवाया तो अपनी बेटी सती व दामाद शिव को इसका न्यौता नही दिया, गुस्से में आकर मां सती अपने पिता के घर गई पिता से कहा सुनी होने पर हवन कुण्ड में अपने प्राणों की आहूति दे दी। जिसके बाद शिव क्रोधित होकर मां सती के जले शरीर को आकाश मार्ग से गुजर रहे थे विष्णु भगवान द्वारा मृत शरीर अपने सुदर्शन चक्र द्वार खंडित कर दिया था। जिसके फल स्वरुप नैनीताल में मां सती की बायी आंख गिरी तभी से ही मां नयना की पूजा यहां की जाती है। इसके साथ ही जहां मां का जो अंग गिरा उसकी पूजा उसी जगह की जाती है। मां सती के आंख के यहां गिरने से ही यहां का नाम भी नैनीताल पडा यही कारण है की झील की आकृति भी नयन की तरह से ही बनी है।
मां नयना के प्रति श्रद्धालुओं की अपार आस्था जुडी हुई है और मां सभी की मनोकामनाएं पूरी करती है।
गरिमा, श्रद्धालु
मधुसूदन, श्रद्धालु
राजीव लोचन साह, अध्यक्ष मंदिर ट्रस्ट
Reported By: Praveen Bhardwaj