देहरादून
धार्मिक नगरी हरिद्वार के नारसन बॉर्डर पर पहचान की पोल उस समय खुल गई जब स्कैन कर के पैसे का पेमेंट करना था।
दर असल नाम बदल कर गुप्ता चाट भंडार के नाम से एक दुकान चला रहा था जब कि उसका असली पहचान गुलफाम था।
इस दुकान पर जब श्रद्धालुओं ने खरीदारी के बाद स्कैनिंग की, तो उसमें मालिक का नाम गुलफाम निकला।
इससे न सिर्फ ग्राहकों में भ्रम की स्थिति बनी, बल्कि धार्मिक भावना को लेकर भी नाराजगी देखी गई।
गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा से पहले ही पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि कोई भी दुकान या प्रतिष्ठान अपनी पहचान न छुपाए।
ऐसे में दुकान का नाम बदलकर कार्य करना कहीं न कहीं श्रद्धालुओं की आस्था के साथ धोखा माना जा रहा है।
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Reported By: Praveen Bhardwaj