ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में आज तीर्थयात्रियों, आम नागरिकों, साधु-संतों, युवाओं और आश्रम प्रबंधन के लिए एक विशेष साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला परमार्थ निकेतन और सेफर इंटरनेट इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में आयोजित हुई।
कार्यक्रम में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक श्री निशांत कुमार ने प्रतिभाग किया और प्रशिक्षण सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने तीर्थ स्थलों और धार्मिक संस्थानों को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधों पर विस्तृत जानकारी दी और बताया कि सतर्कता, जागरूकता और साइबर हाइजीन से ही इनसे बचा जा सकता है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि आस्था के स्थानों को अब साइबर सुरक्षा की भी आवश्यकता है। जैसे मंदिरों की रक्षा की जाती है, वैसे ही डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा भी आज धर्म का अंग बन गई है। उन्होंने कहा कि सेवा कार्यों को सुरक्षित रखने के लिए ट्रस्टों, गुरुकुलों और संस्थाओं को साइबर ज्ञान से लैस होना जरूरी है।
कार्यशाला में डिजिटल फ्रॉड, फर्जी कॉल्स, फिशिंग, सोशल मीडिया ठगी जैसे मुद्दों पर जानकारी दी गई। साथ ही, बताया गया कि साइबर अपराध की शिकायत 1930 पर कॉल कर या सरकारी पोर्टल पर दर्ज की जा सकती है।
कार्यक्रम के अंत में स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने पर्यावरण प्रतीक स्वरूप श्री निशांत कुमार और सेफर इंटरनेट इंडिया की टीम को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। यह कार्यशाला धर्म, सेवा और तकनीक के संगम में सुरक्षा की महत्ता को रेखांकित करने वाली एक प्रेरणादायक पहल रही।
Reported By: Arun Sharma