राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने संसद में आशा कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में शून्यकाल चर्चा में उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान आकर्षित किया। भट्ट ने केंद्र सरकार से आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन अधिनियम के दायरे में लाने की मांग की, ताकि उनके योगदान का उचित मूल्यांकन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी आबादी में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर बच्चा जच्चा स्वास्थ्य, कोविड-19 के दौरान और अन्य स्वास्थ्य पहलुओं में। हालांकि, इन कार्यकर्ताओं को आज भी मात्र 4500 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के मुकाबले बहुत कम है।
महेंद्र भट्ट ने विशेष रूप से उत्तराखंड का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन्हें 5000 रुपये वार्षिक प्रोत्साहन दिया जाता है, जबकि अन्य राज्यों में यह राशि कहीं अधिक है। उन्होंने सरकार से यह अपील की कि आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत लाकर उनका सम्मान बढ़ाया जाए।
Reported By: Shiv Narayan